विश्व आर्थिक मंच की वर्ष 2018 की लैंगिक अंतराल सूचकांक, ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट, (Global Gender Gap Report 2018) मिश्रित परिणाम वाला प्रतीत होता है, भारत के लिए भी और विश्व के लिए भी। जहां कुछ मामलों में भारत ने प्रगति दिखाई है तो वहीं कुछ मामलों में बेहद ही खराब प्रदर्शन है।
रिपोर्ट के अनुसार हालांकि वर्ष 2018 में जेंडर गैप में सुधार के बावजूद स्वास्थ्य व शिक्षा तथा राजनीतिक सशक्तिकरण के मामले में ट्रेंड प्रतिकूल होता होता हुआ दिखाई। परिवर्तन की वर्तमान दर जारी रहने पर 108 वर्षों के बाद ही जाकर पुरुष एवं महिला में असमानता की खाई को लगभग पाटा जा सकता है। हालांकि आर्थिक स्तर पर समानता प्राप्त होने में 202 वर्ष लग जाएंगे।
जहां तक का मामला है तो उसे विश्व के 149 देशों के सूचकांक में 108वीं रैंकिंग प्राप्त हुयी है। विगत वर्ष भी भारत इस रैंक पर था, अर्थात ओवरऑल उसकी रैंकिंग में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार भारत लगभग 66.5 प्रतिशत जेंडर गैप को कम करने में सफल रहा है परंतु अभी भी 33.5 प्रतिशत लैंगिक असमानता की खाई को कम करना शेष है। जेंडर गैप मापन के चारों मानकों में विगत वर्ष के मुकाबले भारत की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई है। स्वास्थ्य व उत्तरजीविता के मामल में तो भारत विश्व में तीसरा सर्वाधिक लैंगिक अमसमानता वाला देश है। हालांकि रिपोर्ट के अनुसार समान कार्य के लिए मजदूरी के स्तर पर भारत में सुधार देखा गया है और पहली बार टर्शियरी स्तर की शिक्षा (कॉलेज, यूनिवर्सिटी, वोकेशनल) में पहली बार भारत लैंगिक असमानता की खाई को पूरी तरह समाप्त करने के करीब पहुंच गया है। रिपोर्ट में भारत के संदर्भ में एक और विरोधाभास की ओर इशारा किया गया है। भारत विश्व में दूसरा सर्वाधिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस श्रम बल वाला देश है, साथ ही विश्व में सर्वाधिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लैंगिक अंतराल वाला देश भी है पुरुषों के 78 प्रतिशत के मुकाबले केवल 22 प्रतिशत महिलाएं श्रम बल ही इस क्षेत्र में हैं।
विश्व आर्थिक मंच की इस सूचकांक में सर्वोच्च रैंकिंग आईसलैंड को प्राप्त हुयी है अर्थात यह विश्व में सर्वाधिक लैंगिक समानता वाला देश है। वहां 85 प्रतिशत लैंगिक असमानता को समाप्त कर दिया गया है और। आइसलैंड के पश्चात स्वीडेन और फिनलैंड का स्थान है।
रिपोर्ट के अनुसार ‘आज विश्व का लैंगिक अंतराल स्कोर 68 प्रतिशत है। इसका तात्पर्य यह है कि औसतन, अभी भी 32 प्रतिशत अंतराल को समाप्त किया जाना है। विश्व का कोई भी देश अभी तक पूर्ण समानता की स्थिति प्राप्त नहीं कर सका है।
विभिन्न मानकों पर विश्व में भारत की जेंडर गैप रैंकिंग
2018 2017
ओवरऑल रैंकिंग 108 108
आर्थिक भागीदारी व अवसर 142 139
शैक्षिक लब्धि 114 112
स्वास्थ्य व उत्तरजीविता 147 141
राजनीतिक सशक्तीकरण 19 15
स्रोतः विश्व आर्थिक मंच, ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2018