भारत का जैव विविधता हॉट-स्पॉट ‘पश्चिम घाट को यात्रियों की बाइबल के नाम से ख्यात लॉनली प्लैनेट की ‘2018 एशिया में सर्वश्रेष्ठ‘ में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। इस रिपोर्ट में एशिया महाद्वीप के 10 सर्वश्रेष्ठ गंतव्यों की रैंकिंग प्रदान की गई है। इस सूची में दक्षिण कोरिया के बुसान, उज्बेकिस्तान एवं वियतनाम की हो ची मिन्ह सिटी को प्रथम तीन रैंकिंग प्रदान की गई है।
- लॉनली प्लैनेट की रिपोर्ट में पश्चिमी घाट में पाई जाने वाली नीलकुरिंजी फूल का भी उल्लेख है जो 12 वर्षों में एक बार खिलती है और यह अगस्त से अक्टूबर 2018 तक खिलने वाली है।
- पश्चिमी घाट एक पर्वत श्रृंखला है जो भारत के पश्चिमी तट के समानांतर है। यूनेस्को के अनुसार पश्चिमी घाट की पहाड़ श्रृंखला हिमालय से भी पुरानी है। पश्चिमी घाट भारत के पश्चिमी तट पर भारत के केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्यों तक विस्तृत है। यह गुजरात की सीमा से आरंभ होकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ है और उत्तर से दक्षिण तक इसकी लंबाई 1600 किलोमीटर है। पश्चिमी घाट की पहाड़ियां 160,000 वर्ग किलोमीटर में फैली हैं। इनकी औसत ऊंचाई 1200 मीटर है।
- पश्चिमी घाट वैश्विक जैव विविधता हॉट स्पॉट के साथ-साथ एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है। यूनेस्को ने वर्ष 2012 में पश्चिमी घाट के 39 स्थलों को विश्व विरासत स्थल का दर्जा प्रदान किया था। श्रीलंका के साथ यह विश्व के आठ सबसे बड़े जैविक विविधता स्थलों में से एक है।
- इसे वर्ष 1988 में इकोलॉजिकल हॉटस्पॉट घोषित किया गया था।
- पश्चिमी घाट में 7402 प्रकार के फूल के पौधें, 1814 गैर-पुष्प वाली पादप प्रजातियां, 139 स्तनधारी, 508 पक्षी, 179 उभयचर, 600 कीट प्रजातियां एवं 290 ताजे जल की मछलियां पाई जाती हैं।
- आईयूसीएन की लाल सूची में शामिल संकटापन्न श्रेणी की 326 प्रजातियां यहां प्राप्त होती हैं। इनमें 229 वनस्पति प्रजातियां, 31 स्तनधारी प्रजातियां, 15 पक्षी प्रजातियां, 43 उभयचर प्रजातियां, 5 सरिसृप प्रजातियां व एक मत्स्य प्रजाति शामिल हैं।
- पश्चिमी घाट में पाई जाने वाली कई प्रजातियां स्थानिक हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अनुसार नीलगिरी तहर नामक बकरी (Hemitragus hylocrius), शेर की पूंछ वाले मकाक यहां की स्थानिक प्रजातियां हैं।
- उपर्युक्त के अलावा शोला वन केवल पश्चिमी घाट में ही पाया जाता है।
- पश्चिमी घाट में दो बायोस्फीयर रिजर्व एवं 14 राष्ट्रीय उद्यान हैं। पश्चिमी घाट के प्रमुख लोकप्रिय स्थलों में शामिल हैं; ऊटी, पलानी पहाड़ियां, मुन्नार चाय, नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व, मुदामलाई टाइगर रिजर्व, नीलगिरी माउंटन रेलवे, नागरहोल नेशनल पार्क, बांदीपुर नेशनल पार्क, वेयनाद वन्यजीव अभ्यारण्य, पेरियार वन्यजीव अभ्यारण्य,
- पश्चिमी घाट की जैविक विविधता के संरक्षण के लिए 2010 में माधव गाडगिल की अध्यक्षता में गठित पश्चिमी घाट इकोलॉजी एक्सपर्ट पैनल (Western Ghats Ecology Expert Panel: WGEEP) ने इस संपूर्ण क्षेत्र को पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र का दर्जा प्रदान किया । बाद में इस पैनल की रिपोर्ट पर विचार करने के लिए के. कस्तुरीरंगन कमेटी का भी गठन किया गया।