वैज्ञानिक भूगोल की नींव
* वर्नहाड वेरेनियस (1622-1650) ने काफी हद तक भूगोल के विषयवस्तु को प्रभावित किया था।
* उनकी पुस्तक ‘ज्योग्राफिया जेनेरालिस’ एक महत्वपूर्ण कृति 1650 में प्रकाशित हुई।
* वेरेनियस ने भूगोल में द्वैधता की नींव डाली। उसने भूगोल को विशेष भूगोल (Special geography) एवं सामान्य भूगोल (General geography) में विभाजित किया।
* फ्रांस के लुई ग्रेबरियल काम्टे डि बाँ ने नदियों के ‘ग्रेडेड प्रोफाइल’ का विश्लेषण किया और गणितीय रूप से दिखाया कि एक बहती हुई नदी कैसे अपने वेग और भार के बीच सन्तुलन ला सकती है।
* जेम्स हटन, एक स्कॉटिश भूगर्भशास्त्री (1726-97), ने यह सिद्धान्त दिया कि ज्योमॉर्फिक प्रक्रिया से भूआकृति को आकार मिलता है।
* जर्मनी के जोहान जार्ज फोस्टर ने तापमान के पद्धतियों पर काफी काम किया था और उसे जर्मनी का पहला महान व्यवस्थित व क्रमबद्ध आधुनिक भूगोलवेत्ता कहा जाता है।
* जार्ज लुई बुफॉन, ने ‘हिस्टरी नेचुरल जेनेरल एट पट्टीकुलेर’ नाम की पुस्तक प्रकाशित की थी जो अगणितीय तरीके से लिखी गयी थी।
* बुफॉन ने 1749 में लिखा था कि जंगल काटने से एवं दलदली जमीन (Marshy Land) को समाप्त करने से तापमान में वृद्धि होगी।
* इमैनुअल कांट (1724-1804) ने वैज्ञानिक भूगोल को दार्शनिक आधार प्रदान किया।
* कांट ने 1781 में ‘कृटीक ऑफ प्योर रीज़न’ नाम की पुस्तक प्रकाशित की।