एक दीर्घावधि की वेब डायरी रचनात्मक जलवायु परियोजना है, जो सूर्य रश्मियों से प्रकाशित है। इसके अंतर्गत एक नए दृष्टिकोण को अपनाया गया है, जिसका उद्देश्य परिवर्तन की गाथाओं के माध्यम से लोगों को जानकारी प्रदान करना, प्रेरणा प्रदान करना और उनका नेटवर्क तैयार करना है।
ओपन यूनिवर्सिटी के संरक्षण में बी.बी.सी. के साथ अहम भागीदारी में कार्यरत इस रचनात्मक जलवायु परियोजना का उद्देश्य गतिशील और विविध मानवीय गाथाओं जिनका लोग एक भाग बनना चाहते हैं, के संदर्भ में इन मुद्दों को फिर से ढालना है।
व्यावसायिक दृष्टि से विनिर्मित इस सामग्री और प्रयोक्ता द्वारा तैयार की गई विषय-वस्तु के इस संयोजन के आधार पर एक अप्रतिम ऑन लाइन संसाधन विकसित होगा।
सामाजिक विज्ञान अनुसंधान पर नजर रखते हुए रचनात्मक जलवायु परियोजना तैयार की गई है जिसमें यह दर्शाया गया है कि चरण की संचार प्रणाली काम नहीं कर पायी है। जहां शैलियों में भिन्नताएं रही हैं, वहीं विगत के बहुत सारे दृष्टिकोण चाहे वे सरकारी हों, अनुसंधानकर्त्ताओं या गैर-सरकारी संगठनों से संबंधित रहे हों, में भिन्नताएं मौजूद रही हैं।
अब बहुत सारे प्रमाण मौजूद हैं कि इस प्रकार के संदेश से ये मुद्दे केवल आगे बढ़ाए जाते हैं और अपने ढंग की कुछ समस्याएं पैदा होती हैं। इन समस्याओं में ताजा-तरीन थकान और निराले अतिरंजित या गलत उद्धरित ‘तथ्य‘ शामिल हैं, जिन्हें एक-दूसरे की बातों की काट करने वाले ब्लाग लिखने वालों द्वारा लपक लिया जाता है। जनसंख्या के एक बड़े भाग को लगता है कि उन्हें गले आ पड़े शोक से ग्रस्त भलाई चाहने वालों के द्वारा भयभीत किया जा रहा है।
इन मुद्दों पर संतुलन कायम करना कठिन होता है। रचनात्मक जलवायु परियोजना कहने का यह मतलब नहीं है कि ये मुद्दे गंभीर और तात्कालिक नहीं हैं। प्रभावशाली विज्ञान और नीतिनियंताओं द्वारा वर्तमान दशक को मानव इतिहास के लिए अति महत्वपूर्ण बताया गया है। कई लोगों का यह मानना है कि इस प्रकार के कार्य हमें यह बताएंगे कि क्या हम वातावरण को विध्वसंकारी तरीके से बदल दें और अपनी कई सह-प्रजातियों को समाप्त कर दें या किसी कम विनाशकारी विकास के एक वैकल्पिक मार्ग की तलाश करें। लेकिन संवाद, शिक्षण और लोगों को शामिल करने की पहलों में लघु अवधि के प्रभावों के पीछे भागने की प्रवृत्ति देखी गई है – चाहे उनमें समस्याओं की तात्कालिता पर जोर दिया जाता है या शीघ्र ‘समाधान‘ तलाशे जाने की बात कही जाती है।
रचनात्मक जलवायु परियोजना दीर्घकालीन दृष्टिकोण को अपनाती है। इसकी प्रमुख धारणाओं में से एक धारणा यह है कि मानव रचनात्मकता में ही जैव विविधता नुकसान, जलवायु परिवर्तन और संसाधन क्षय की चुनौतियों को पूरा करने की कुंजी छिपी हुई है।
इसका उद्देश्य इन मुद्दों पर ध्यान देने वाले लोगों के अनुभवों और विचारों का एक विशाल सजीव संग्रहालय बनाने का है। वेबसाइट द्वारा पूरे विश्व भर में घरों से लेकर कार्यस्थलों तक, प्रयोगशाला से बगीचे तक और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों से लेकर सामुदायिक सभाओं तक से विचारों और गाथाओं का संग्रह किया जाएगा। यह कोई ‘पर्यावरणीय परिवर्तन के बारे में फेसबुक‘ सरीखी चीज नहीं है।
स्कूली और विश्वविद्यालयी छात्रों द्वारा विगत के वर्षों या विश्व में किसी स्थान के बारे में अपने सहपाठियों की सलाहों के साथ अपनी राय की तुलना किए जाने की रोचक संभावनाएं मौजूद हैं।
डायरियों का संकलन रचनात्मक जलवायु परियोजना का केन्द्र बिन्दु है। लेकिन, इनके साथ ही निःशुल्क ऑन लाइन शिक्षण संसाधन और रेडियो प्रसारण तथा टीवी कार्यक्रमों और वेब की नई विषय-वस्तुएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं। बी.बी.सी. वर्ल्ड सर्विस पर पाँच घंटे का रेडियो प्रसारण और बी.बी.सी. वर्ल्ड पर तीन घंटे का वृत्तचित्र तैयार या सह निर्माण किया गया है और इसके साथ ही इंग्लैंड में बी.बी.सी टेलीविजन पर फीचर भी तैयार किए गये हैं।
रचनात्मक जलवायु परियोजना का वेबसाइट अन्य प्रसारण और ऑन लाइन वृत्त लेखन तथा रचनात्मक परियोजनाओं जिनके पास विस्तृत श्रोताओं या दर्शकों या दीर्घावधि की विरासत के माध्यम का अभाव हो, के लिए अपनी विषय-वस्तु को आगे बढ़ाने के लिए एक साधन के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है।
लोग गाथाओं को प्रसारित करने की दृष्टि से इंटरनेट आधारित मीडिया की क्षमता पर भी मोहित हैं, जिनसे वाद-विवाद और परिवर्तन को समाहित करने में सहायता मिल सकती है। 1930 से 1940 के दशकों में -मास ऑब्जर्वेशन प्रोजेक्ट‘ द्वारा किया गया कार्य एक महत्वपूर्ण प्रेरणा है। उसमें पूरे ब्रिटेन में आम लोगों से अपने दैनिक जीवन के बारे में बताते हुए अपनी समुक्ति देने को कहा जाता था और इस प्रकार एक ‘एन्थ्रोपोलॉजी ऑफ आवरसेल्वस‘ तैयार की गई थी। लेखकों, फिल्म निर्माताओं और छायाकारों ने रचनात्मक जलवायु परियोजना को आगे बढ़ाने हेतु नये रूप से वृत्तचित्र विकसित किए। रचनात्मक जलवायु परियोजना की उत्पत्ति इसी प्रश्न को लेकर हुई कही जा सकती है : आम लोगों के प्रेक्षण को वाणी देने में वेब डायरी एक माध्यम के रूप में क्या भूमिका हो सकती है और उन लोगों ने वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान किस प्रकार से किया होता और उन पर क्या प्रतिक्रिया होती है।
दीर्घकालीन तौर पर वेबसाइट पर डाली गयी डायरियां ही सर्वाधिक रोचक सामग्री होंगी। जो लोग अपनी डायरी शुरू करना चाहते हैं, वे लोग, ज्यों-ज्यों उनके द्वारा लिखी जाने वाली डायरी समय के साथ गति पकड़ती जायेगी डायरी लिखने वाले अपने अन्य सहकर्मियों के साथ-साथ अपने द्वारा की गई प्रगति के साधनों से प्रेरणा ग्रहण करते रहेंगे। स्वैच्छिक प्रेक्षकों की शक्ति को भी सामने लाने की इसमें भारी संभावना है, जिनसे उनकी राय को समाहित करने में सहायता मिलेगी।
रचनात्मक जलवायु परियोजना अपनी संभावना, पर्यावरणीय सम्प्रेषणों के प्रति अपने दृष्टिकोण और मीडिया के प्रयोग के संदर्भ में कार्य को हल्के-फुल्के अंदाज में लेना होगा, किन्तु दक्षतापूर्ण तरीके से पूरा करना होगा और उस कार्य का अच्छा मूल्य मिलेगा (धनराशि और ब्राउजर डायरी लेखकों के समय दोनों ही दृष्टि से)। रचनात्मक जलवायु परियोजना की प्रगति और मीडिया, पर्यावरण के बारे में टिप्पणी तथा जनता की राय के बारे में जानकारी देने वाला एक अनौपचारिक ब्लॉग रण्ीण्ेउपजी/वचमदण्ंबण्ना पर उपलब्ध है।