‘जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन’ पर सम्मेलन

<p>अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस 2019 की पूर्व संध्या पर राजधानी दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में ‘जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन’ पर एक सम्मेलन आयोजित हुआ। इसे अंतरराष्ट्रीय आपदा प्रबंध...
<p>आए दिन हम अखबारों में झंझावात (थंडरस्टॉर्म), बिजली गिरने से लोगों की मौत जैसी खबरें पढ़ते हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गिरने से होने वाली मौत की कुछ ज्यादा ही खबरें आती हैं। क्या आप जानते...
<p>वर्ष 2006 में अंतरराष्ट्रीय खगोल संघ की 26वीं महासभा में ‘ग्रह’की नई परिभाषा से संबंधित एक प्रस्ताव पारित किया गया और इस नई परिभाषा के आधार पर प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से बाहर कर दिया गया और उसे बौ...
<p>वर्ष 2017 में एक स्टडी रिपोर्ट ‘प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस’ में प्रकाशित हुई थी जिसमें वैज्ञानिकों ने घोषणा की थी कि मौजूदा विश्व ‘सिक्स्थ मास एक्सटिंशन’ (Sixth Mass Extinction) के दौ...
<p>अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस 2019 की पूर्व संध्या पर राजधानी दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में ‘जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन’ पर एक सम्मेलन आयोजित हुआ। इसे अंतरराष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (आईआईडीएम) ने आयोजित किया था। सम्मेलन में आपदा प्रबंधन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों ने अपनी राय व अनुभव साझा किए। यह सम्मेलन […]</p>
<p>आए दिन हम अखबारों में झंझावात (थंडरस्टॉर्म), बिजली गिरने से लोगों की मौत जैसी खबरें पढ़ते हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली गिरने से होने वाली मौत की कुछ ज्यादा ही खबरें आती हैं। क्या आप जानते हैं कि जमीन पर ये बिजलियां कैसे गिरती हैं और इसके पीछे का विज्ञान क्या है? झंझावात के […]</p>
<p>वर्ष 2006 में अंतरराष्ट्रीय खगोल संघ की 26वीं महासभा में ‘ग्रह’की नई परिभाषा से संबंधित एक प्रस्ताव पारित किया गया और इस नई परिभाषा के आधार पर प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से बाहर कर दिया गया और उसे बौना ग्रह का दर्जा दिया गया।]</p>