पृथ्वी पर मौजूद जीवों का उत्पत्ति काल तथा कल्प की अवधि की गणना

उपग्रह सुदूर संवेदी आंकड़ा का उपयोग करते हुये फसल उत्पादन पूर्वानुमान अवधारणा अस्सी दशक के आरंभ में फसल उत्पादन पूर्वानुमान (सीपीएफ) परियोजना के तहत अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र अहमदाबाद (एसएसी) में विकसि...
उपलब्ध सर्वोत्तम प्रौद्योगिकीय तरीकों के प्रयोग के द्वारा ग्रामीण गरीबों की आर्थिक कमजोरी के न्यूनीकरण में ग्रामीण रोजगार सृजन महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। महात्मा गांधी राष्ट््रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी ए...
यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम तट के किनारे रहने वालों के लिए जीवन को और अधिक आरामदायक बनाने के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास करें और साथ ही सियाचिन में हमारे सैनिकों को बेहतर रहने की स्थिति देने के लिए...
<p>सर्वमान्य तथ्य के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुई थी। पृथ्वी लगभग 0.6 अरब वर्ष तक एक गैसीय पिण्ड के रूप में थी, जिसके अर्न्तगत् विभिन्न प्रकार की भौतिक एवं रासायनिक प्रक्रियाए...
<p>वैश्विक ताप वृद्धि के संभावित प्रभावों में हैं- हिमनदों का पिघलना, महादेशों से जल अपवाह में वृद्धि, समुद्रीय संस्तरीकरण जिसके कारण समुद्री उत्पादकता और मछली उत्पादन में कमी हो जाना। समुद्र के स्तर...
<p>वैश्विक तापवृद्धि के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है जिसके कारण खाद्य सुरक्षा व इस तक मनुष्य की पहुंच के प्रभावित होने की संभावना है। अल्पकालिक आघात अधिक होंगे, जैसे मौसम घटनाओं और बदलते तापमान की...
<p>अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य को संजोये लगभग एक हजार से अधिक भारतीय द्वीप बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में अप्रतिम नैसर्गिक छटा बिखेर रहे हैं। अपनी कूटनीतिक अवस्थिति, संसाधनों से परिपूर्णता एवं नयनाभिराम...
<p>सर्वमान्य तथ्य के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुई थी। पृथ्वी लगभग 0.6 अरब वर्ष तक एक गैसीय पिण्ड के रूप में थी, जिसके अर्न्तगत् विभिन्न प्रकार की भौतिक एवं रासायनिक प्रक्रियाएं सम्पादित हो रही थीं। इसी के फलस्वरूप कालान्तर में यह एक ठोस संरचना में परिवर्तित हो गई। 3.6 अरब […]</p>
<p>वैश्विक ताप वृद्धि के संभावित प्रभावों में हैं- हिमनदों का पिघलना, महादेशों से जल अपवाह में वृद्धि, समुद्रीय संस्तरीकरण जिसके कारण समुद्री उत्पादकता और मछली उत्पादन में कमी हो जाना। समुद्र के स्तर में वृद्धि, तटवर्ती भूमि का कम हो जाना, तूफानों, चक्रवातों और प्रचंड मौसमी घटनाओं की बारम्बरता में वृद्धि होना, बाढ़ से ऊपरी […]</p>
<p>वैश्विक तापवृद्धि के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है जिसके कारण खाद्य सुरक्षा व इस तक मनुष्य की पहुंच के प्रभावित होने की संभावना है। अल्पकालिक आघात अधिक होंगे, जैसे मौसम घटनाओं और बदलते तापमान की अनिश्चितता और दीर्घकाल में जल संसाधनों की पैदावार में कमी आ सकती है। यहां तक कि संरक्षण के लिए […]</p>