वैश्विक मरुस्थलीकरण व सूखा के विरूद्ध एक प्रयास

<p>विश्व दिवस, 17 जून 2017 समस्त विश्व के कुल क्षेत्रफल का पाँचवां भाग, 20 प्रतिशत मरुस्थली भूमि के रूप में पृथ्वी पर मौजूद है। जबकि सूखाग्रस्त भूमि कुल वैश्विक क्षेत्रफल का एक तिहाई है। संयुक्त राष्ट...
<p>‘‘मनुष्य और भूमि के बीच सौहार्द की एक स्थिति पर्यावरण संरक्षण है। भूमि के साथ सौहार्द एक दोस्त के साथ सौहार्द जैसा है’’-एल्डो लियोपोल्ड। ‘‘मैं प्रकृति, पशुओं, पक्षियों और पर्यावरण में ईश्वर को प्रा...
<p>भारत अनेक नदियों तथा पर्वतों का देश है। इसका भौगोलिक क्षेत्र 329 मिलियन हेक्टेयर है जिसमें छोटी बड़ी अनेक नदियों का जाल फैला हुआ है। इन नदियों में से अनेक नदियां संसार की कुछ बड़ी नदियों में से एक है...
<p>प्रश्न: जैविक खेती की ओर आपका रुझान कैसे हुआ? डॉ महीपाल: पर्यावरण सुरक्षा, उचित पोषण एवं सतत कृषि से ही सतत विकास संभव है, इस तथ्य का पता मुझे विभिन्न साहित्य पढ़ने एवं जमीन पर कार्य करने से चल गया...
<p>विश्व दिवस, 17 जून 2017 समस्त विश्व के कुल क्षेत्रफल का पाँचवां भाग, 20 प्रतिशत मरुस्थली भूमि के रूप में पृथ्वी पर मौजूद है। जबकि सूखाग्रस्त भूमि कुल वैश्विक क्षेत्रफल का एक तिहाई है। संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) द्वारा प्रस्तुत किये गये एक विशेष प्रतिवेदन में बताया गया है कि 130 लाख वर्ग किलोमीटर भूमि […]</p>
<p>‘‘मनुष्य और भूमि के बीच सौहार्द की एक स्थिति पर्यावरण संरक्षण है। भूमि के साथ सौहार्द एक दोस्त के साथ सौहार्द जैसा है’’-एल्डो लियोपोल्ड। ‘‘मैं प्रकृति, पशुओं, पक्षियों और पर्यावरण में ईश्वर को प्राप्त कर सकता हूँ।’’ – पैट बकले। ‘‘आखिरकार, निरन्तरता का अर्थ वैश्विक पर्यावरण का चलते रहना है। पृथ्वी की समस्त संपत्ति को […]</p>
<p>भारत अनेक नदियों तथा पर्वतों का देश है। इसका भौगोलिक क्षेत्र 329 मिलियन हेक्टेयर है जिसमें छोटी बड़ी अनेक नदियों का जाल फैला हुआ है। इन नदियों में से अनेक नदियां संसार की कुछ बड़ी नदियों में से एक हैं । नदियों तथा पर्वतों की भारत के सांस्कृतिक, धार्मिक तथा आध्यात्मिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका […]</p>