Abstract: भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि का निरंतर महत्व देश में स्थायी और समावेशी कृषि विकास की मांग करता है। हालांकि, ज्यादातर भारतीय राज्यों में भूस्वामित्व के छोटे होने से भू-विखंडन में तेजी आई है जिसके कारण उत्पादकता बढ़ाने और कृषि विकास में तेजी लाने की चुनौतियों का सामना किया है।
लेखक द्वय इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट , दक्षिण एशिया के नई दिल्ली स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में प्रोफेसर हैं।
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