Abstract: भारत दुनिया में जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है जोकि पूरे विश्व के कुल जूट उत्पादन के लगभग 55 प्रतिशत के बराबर है। पश्चिम बंगाल देश में जूट उत्पादन के 90 प्रतिशत से अधिक का उत्पादन करता है। कम प्रतिफल के कारण हाल ही के वर्षों में जूट के उत्पादन में हालांकि कमी देखी गई है। सीएसआईआर-एनपीएल के वैज्ञानिकों के एक दल ने दहन के विकल्प के रुप में अपशिष्ट बायोमास जूट स्टिकों के मूल्य वर्धन के लिए एक नवोन्मेषी समाधान का विकास किया है ताकि किसान जूट की पैदावार से अपनी आय को बढ़ा सकें और लाभ प्राप्त कर सकें।
योगदानः डॉ एस आर धकाते, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और दल सदस्य, सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्ली.
आयातित प्रौद्योगिकी पर भारत की निर्भरता खत्म करने हेतु सीएसआईआर-एनपीएल के शोधकर्ताओं ने आपातस्थिति के दौरान अंधकार में प्रकाश और जीवनरक्षक चिह्नों के स्रोत के रूप में सेवा प्रदान करने वाले स्वदेशी दीर...
ग्रामीण भारत के लिए जीवन रेखा, सीएसअईआर-एनपीएल के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक नया सॉलिड स्टेट रेफ्रीजरेटर, जो कि बैटरी या सौ-संचालित सैल द्वारा संचालित हो सकता है। यह रेफ्रीजरेटर पर्यावरण के लिए सुरक...
भारत दुनिया में जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है जोकि पूरे विश्व के कुल जूट उत्पादन के लगभग 55 प्रतिशत के बराबर है। पश्चिम बंगाल देश में जूट उत्पादन के 90 प्रतिशत से अधिक का उत्पादन करता है। कम प्रतिफल के क...