अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी मछुआरों की आजीविका सहायता के लिए-संभावित मत्स्यन जोन का पूर्वानुमान
Abstract: भारत एक महत्वपूर्ण मत्स्यन उत्पादक देश है। परंपरागत तौर पर, लाभकारी मछली पकड़ने हेतु, मछुआरों को विभिन्न क्षेत्रों में तलाश के लिए अत्यधिक समय गंवाना पड़ता है जिसमें कीमती ईंधन व समय बर्बाद होता है क्योंकि मत्स्य संसाधन स्थानिक व अस्थायी प्रकृति के विभिन्न पर्यावरणीय कारकों यथा-तापमान, खाद्य की उपलब्धता, धाराएं, पवन इत्यादि द्वारा प्रभावित होते हैं। सीमित दृश्यता के कारण मत्स्य पोत व्यापक स्तर पर पर्यावरणीय मानकों की गतिक प्रकृति को देखने में असमर्थ होते हैं जो कि मत्स्य संसाधनों के वितरण को प्रभावित करती है। हालांकि उपग्रह सुदूर संवेदन दिक् व काल में महासागर का परिदृश्यात्मक छवि उपलब्ध कराता है और यह मत्स्य जमाव के संभावित क्षेत्रों की संपरीक्षा व खोज के लिए आवश्यक सूचनाएं प्रदान करता है। इसी आलोक में, अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) ने सुदूर संवेदन तकनीक का उपयोग करते हुये संभावित मत्स्यन जोन (पीएफजेड) की पहचान व पूर्वानुमान हेतु एक दृष्टिकोण की शुरुआत व विकसित किया और संचालकीय क्रियान्वयन हेतु इस प्रौद्योगिकी को भारतीय राष्ट्रीय महासागरीय सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) को हस्तांतरित कर दिया।