Abstract: उपग्रह सुदूर संवेदी आंकड़ा का उपयोग करते हुये फसल उत्पादन पूर्वानुमान अवधारणा अस्सी दशक के आरंभ में फसल उत्पादन पूर्वानुमान (सीपीएफ) परियोजना के तहत अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र अहमदाबाद (एसएसी) में विकसित की गई थी। इसकी सफलता ने कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय को देश के बड़े फसल उत्पादकों क्षेत्रों में फसलों के उत्पादन के पूर्वानुमान की दिशा में सीएपीई (फसल रकबा उत्पादन अनुमान) परियोजना के लिए प्रेरित किया। इस परियोजना के क्षेत्र विस्तार हेतु राष्ट्रीय स्तर पर बहु-मौसमीय फसल पूर्वानुमान के लिए कार्यप्रणाली विकसित कर ‘अंतरिक्ष, कृषि-मौसम विज्ञान व भू आधारित पर्यवेक्षण का प्रयोग करते हुये कृषि उत्पादन का कार्यक्रम की अवधारणा विकसित की गई। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा अप्रैल 2012 में नई दिल्ली में महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एमएनसीएफसी) स्थापित किया गया जिसने नौ कृषि फसलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर फसल कटाई से पूर्व बहु-फसल उत्पादन पूर्वानुमान हेतु अंतरिक्ष आधारित पर्यवेक्षण का प्रयोग करता है।
आयातित प्रौद्योगिकी पर भारत की निर्भरता खत्म करने हेतु सीएसआईआर-एनपीएल के शोधकर्ताओं ने आपातस्थिति के दौरान अंधकार में प्रकाश और जीवनरक्षक चिह्नों के स्रोत के रूप में सेवा प्रदान करने वाले स्वदेशी दीर...
ग्रामीण भारत के लिए जीवन रेखा, सीएसअईआर-एनपीएल के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक नया सॉलिड स्टेट रेफ्रीजरेटर, जो कि बैटरी या सौ-संचालित सैल द्वारा संचालित हो सकता है। यह रेफ्रीजरेटर पर्यावरण के लिए सुरक...
भारत दुनिया में जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है जोकि पूरे विश्व के कुल जूट उत्पादन के लगभग 55 प्रतिशत के बराबर है। पश्चिम बंगाल देश में जूट उत्पादन के 90 प्रतिशत से अधिक का उत्पादन करता है। कम प्रतिफल के क...