Abstract: अंटार्कटिक और आर्कटिक क्षेत्र चरम पर्यावरणीय परिस्थितियों में रहने के लिए अनुकूलित जीवों का वास है। इन जीवन रूपों की क्षमता जटिल जीवन प्रक्रियाओं को समझने के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। भारत ने पृथ्वी पर मौजूदा दो कठिन इलाकों की क्षमता महसूस करते हुए कई दशकों से यहां अन्वेषण किया है और ध्रुवीय जीव विज्ञान में काफी प्रगति की है।

लेखक केरल विश्वविद्यालय के समुद्री जीवविज्ञान, सूक्ष्मविज्ञान तथा जैवरसायन  विभाग में प्रोफेसर हैं। आलेख को हत्था, ए.ए.एम., 2019 के रूप में उद्धृत किया जाना चाहिए। ध्रुवीय जीव विज्ञानः भारत द्वारा अनुसंधान पहल, भूगोल और आप