Abstract: भारतीय समाज में पुरातन सांस्कृतिक परम्पराओं की दृष्टि से जनजातिय समूहों का एक विशिष्ट स्थान है। भारत के अलग-अलग प्रांतों में स्थित ये जनजातियाँअ अपने दैनिक आचार-व्यवहार में अपनी पुरातन परम्पराओं को धरोहर के रूप में संजोए हुए हैं। साथ ही, ये आधुनिक भारतीय समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रयत्नशील हैं। शिक्षा एवं विकास की नवीन रोशनी में इनके जीवन को सभ्यता के नये आयम मिले हैं।
स्रोत : मानव भूगोल, लेखक-डॉ. रामकुमार गुर्जर एवं बी.सी. जाट, पंचशील प्रकाशन, जयपुर।
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ग्रामीण भारत के लिए जीवन रेखा, सीएसअईआर-एनपीएल के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक नया सॉलिड स्टेट रेफ्रीजरेटर, जो कि बैटरी या सौ-संचालित सैल द्वारा संचालित हो सकता है। यह रेफ्रीजरेटर पर्यावरण के लिए सुरक...
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