माउंट एवरेस्ट पर इतनी भीड़ एवं दुर्घटना क्यों?

<p>इस बार के सीजन में दुनिया के सबसे ऊँचे पहाड़ माउंट एवरेस्ट पर इतने लोग चढ़ने आ गए कि जाम लग गया। उस जाम के कारण दुर्घटना हुयी और 11 लोग मारे गए .उनमे २ भारतीय भी हैं । 4 दिन पहले एक ही दिन 250 से जया...
<p>आज से 252 मिलियन वर्ष पहले पर्मियन युग में पृथ्वी पर जीवन के लिए कठिन समय था। उस युग में पृथ्वी पर से अधिकांश जीव नष्ट हो गए थे जिस वजह से इसे ‘महान मृत्यु’ और पृथ्वी का सबसे घातक ‘प्रजाति विलुप्ति...
<p>सीएसआईआर-आईएचबीटी (हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान) पर्वतीय क्षेत्र की पादप व पुष्प प्रजातियों की उन्नत किस्मों के संवर्धन में अपना विशिष्ट योगदान कर रहा है। इसी क्रम में सीएसआईआर-आईएचबीटी ने...
<p>इस बार के सीजन में दुनिया के सबसे ऊँचे पहाड़ माउंट एवरेस्ट पर इतने लोग चढ़ने आ गए कि जाम लग गया। उस जाम के कारण दुर्घटना हुयी और 11 लोग मारे गए .उनमे २ भारतीय भी हैं । 4 दिन पहले एक ही दिन 250 से जयादा लोग एवरेस्ट शिखर पर चढ़ने के लिए लाइन लगाए हुए […]</p>
<p>आज से 252 मिलियन वर्ष पहले पर्मियन युग में पृथ्वी पर जीवन के लिए कठिन समय था। उस युग में पृथ्वी पर से अधिकांश जीव नष्ट हो गए थे जिस वजह से इसे ‘महान मृत्यु’ और पृथ्वी का सबसे घातक ‘प्रजाति विलुप्ति’ (Mass Extinctions) की घटना की संज्ञा दी जाती है।</p>
<p>सीएसआईआर-आईएचबीटी (हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान) पर्वतीय क्षेत्र की पादप व पुष्प प्रजातियों की उन्नत किस्मों के संवर्धन में अपना विशिष्ट योगदान कर रहा है। इसी क्रम में सीएसआईआर-आईएचबीटी ने हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में उगने वाली कांगड़ा चाय की उन्नत प्रजाति विकसित की है।</p>