कोपेन द्वारा वर्गीकृत भारत के मुख्य जलवायु प्रदेश

<p>Amw – यह उष्ण कटिबंधीय (मानसूनी) आर्द्र मुख्य जलवायु प्रदेश है जिसमें सबसे ठण्डे माह का तापमान 18 डीग्री सेंटीग्रेड से ऊपर रहता है तथा इसमें लघु शुष्क ऋतु भी होती है। ऐसी जलवायु भारत में कांक...
<p>वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के कृषि उत्पादनों पर प्रतिकूल प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए स्पष्ट किया है कि इसके कारण न केवल जल स्रोत सूख जायेंगे अपितु शीतोष्ण व समशीतोष्ण क्षेत्रों में अधिकांश उपज...
<p>मूंगे की चट्टानें उष्ण कटिबन्ध में पायी जाने वाली सबसे जटिल और रंग-बिरंगी पारिस्थितिकीय प्रणाली है। जहाँ तक जीव-जन्तुओं की उपस्थिति का सवाल है इनमें जैसी जैव विविधता पायी जाती है वैसी वर्षा वनों के...
<p>समुद्री सतह के तापमान बढ़ने, सौर्य विकिरण, गाद जमा होने, जेनोबाइटिक्स, उपवायव (सबएरियल) प्रकटीकरण, अकार्बनिक पोषक तत्वों, मीठे जल के सम्पर्क के कारण जल की सान्द्रता कम होने, एपिजूटिक्स सहित प्रवाल प...
<p>Amw – यह उष्ण कटिबंधीय (मानसूनी) आर्द्र मुख्य जलवायु प्रदेश है जिसमें सबसे ठण्डे माह का तापमान 18 डीग्री सेंटीग्रेड से ऊपर रहता है तथा इसमें लघु शुष्क ऋतु भी होती है। ऐसी जलवायु भारत में कांकण एवं मालाबार तटवर्ती क्षेत्रों में पायी जाती है जिनमें गोवा दक्षिणी पश्चिमी महाराष्ट्र, पश्चिमी कर्नाटक, केरल तथा कन्याकुमारी […]</p>
<p>वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के कृषि उत्पादनों पर प्रतिकूल प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए स्पष्ट किया है कि इसके कारण न केवल जल स्रोत सूख जायेंगे अपितु शीतोष्ण व समशीतोष्ण क्षेत्रों में अधिकांश उपजाऊ भूमि में बढ़ते तापमान के कारण दरारें पड़ जायेगी। यही नहीं, चावल व मक्का की उपज की मात्रा वर्तमान की तुलना […]</p>
<p>मूंगे की चट्टानें उष्ण कटिबन्ध में पायी जाने वाली सबसे जटिल और रंग-बिरंगी पारिस्थितिकीय प्रणाली है। जहाँ तक जीव-जन्तुओं की उपस्थिति का सवाल है इनमें जैसी जैव विविधता पायी जाती है वैसी वर्षा वनों के अलावा और कहीं देखने को नहीं मिलती। मूंगे की चट्टानें में पाये जाने वाले जीवधारी ऐसी विशाल और जटिल भौतिक […]</p>