जलवायु परिवर्तन के मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव

<p>संसार के बहुत से भागों मेंए विशेषकर तापमान में हो रही निरंतर वृद्धि ने शारीरिक और जैविकीय व्यवस्थाओं के विभिन्न ढंगों को तरह.तरह से प्रभावित करना शुरू कर दिया है। मनुष्य के कार्यों का नकारात्मक प्र...
<p>सूचना प्रौद्योगिकी में आयी क्रांति ने कई मायने में सारी दुनिया की तस्वीर ही बदल दी है। यह प्रौद्योगिकी संचारए मनोरंजनए स्वास्थ्यए शिक्षा जैसे अनेकों क्षेत्रों में मानव हित के लिये वरदान सिद्ध हुई...
<p>विश्व के गेहूँ उत्पादक प्रमुख देशों की सूची में दूसरे स्थान पर होने के बावजूद भारत को अपनी घरेलू आवश्यकता की पूर्ति के लिए गेहूँ का आयात करना पड़ता है। बेमौसम बारिश, बाढ़, सूखा, कीटों के कारण सड़न, उच...
<p>संसार के बहुत से भागों मेंए विशेषकर तापमान में हो रही निरंतर वृद्धि ने शारीरिक और जैविकीय व्यवस्थाओं के विभिन्न ढंगों को तरह.तरह से प्रभावित करना शुरू कर दिया है। मनुष्य के कार्यों का नकारात्मक प्रभाव आने वाली पीढ़ी पर निश्चित रूप से पड़ेगा।</p>
<p>सूचना प्रौद्योगिकी में आयी क्रांति ने कई मायने में सारी दुनिया की तस्वीर ही बदल दी है। यह प्रौद्योगिकी संचारए मनोरंजनए स्वास्थ्यए शिक्षा जैसे अनेकों क्षेत्रों में मानव हित के लिये वरदान सिद्ध हुई है। इस प्रौद्योगिकी के सहारे आज सुख सुविधा तथा सम्पन्नता की नई इबारतें लिखी जा रही हैं।</p>
<p>विश्व के गेहूँ उत्पादक प्रमुख देशों की सूची में दूसरे स्थान पर होने के बावजूद भारत को अपनी घरेलू आवश्यकता की पूर्ति के लिए गेहूँ का आयात करना पड़ता है। बेमौसम बारिश, बाढ़, सूखा, कीटों के कारण सड़न, उचित भंडारण व्यवस्था न होने से, इन कारणों से देश में प्रति वर्ष लाखों टन गेहूँ की बर्बादी हो रही है।</p>