प्रौद्योनवोन्मेषः अर्थव्यवस्था को आधार देता विज्ञान cover

Vol no. 16 Issue No. 96

Inside this issue

वातावरण

हरित शीतलन : ग्रामीण भारत के लिए सॉलिड स्टेट रेफ्रीजरेटर्स

By: Staff Reporter

ग्रामीण भारत के लिए जीवन रेखा, सीएसअईआर-एनपीएल के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक नया सॉलिड स्टेट रेफ्रीजरेटर, जो कि बैटरी या सौ-संचालित सैल द्वारा संचालित हो सकता है। यह रेफ्रीजरेटर पर्यावरण के लिए सुरक्षित है तथा इसका उपयोग कम तापमान पर खाद्य-पदार्थ और दवाओं को संरक्षित करने के लिए हो सकता है।

ग्लो पेंटः सैन्य तैयारियों के एक उपकरण

By: Staff Reporter

आयातित प्रौद्योगिकी पर भारत की निर्भरता खत्म करने हेतु सीएसआईआर-एनपीएल के शोधकर्ताओं ने आपातस्थिति के दौरान अंधकार में प्रकाश और जीवनरक्षक चिह्नों के स्रोत के रूप में सेवा प्रदान करने वाले स्वदेशी दीर्घावधिक आफ्टर (एलएपी) पाउडर और पेंट विकसित किए हैं।

अपशिष्ट प्लास्टिकः दायित्व से संवहनीयता तक

By: Staff Reporter

गैर अपघटनीय पॉलीथिन बैग, बोतलों और अन्य सामग्रियों द्वारा उत्पन्न पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान हेतु तत्काल पुनर्चक्रण समाधानों की जरुरत है। व्यापक रुप से प्रयोग होने वाली प्लास्टिक को पूर्णतः अपघटित होने में 400 से 1000 वर्ष से अधिक लग सकते हैं । प्लास्टिक के बढ़ते हुए अपशिष्टों के समाधान के लिए राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) ने इस प्रकार के कूड़े से प्लास्टिक की टाईल बनाने की एक नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी का विकास किया है। यह प्रौद्योगिकी प्लास्टिक संबंधी अपशिष्ट के प्रबंधन की दीर्घकालिक लड़ाई के वहनीय समाधान प्रदान करती है।

जूट पुनरावलोकनः नई सम्पति की खोज

By: डॉ एस आर धकाते

भारत दुनिया में जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है जोकि पूरे विश्व के कुल जूट उत्पादन के लगभग 55 प्रतिशत के बराबर है। पश्चिम बंगाल देश में जूट उत्पादन के 90 प्रतिशत से अधिक का उत्पादन करता है। कम प्रतिफल के कारण हाल ही के वर्षों में जूट के उत्पादन में हालांकि कमी देखी गई है। सीएसआईआर-एनपीएल के वैज्ञानिकों के एक दल ने दहन के विकल्प के रुप में अपशिष्ट बायोमास जूट स्टिकों के मूल्य वर्धन के लिए एक नवोन्मेषी समाधान का विकास किया है ताकि किसान जूट की पैदावार से अपनी आय को बढ़ा सकें और लाभ प्राप्त कर सकें।