डॉ. नर्मदेश्वर प्रसाद
कार्यकारी संपादक,
निदेशक,
परी ट्रेनिंग इन्सटीट्यूट
भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़े महोत्सव यानी यानी आम चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 17वीं लोकसभा के गठन के लिए सात चरणों में चुनाव होने हैं और 23 मई, 2019 को चुनाव परिणाम आएंगे। यह लोकतांत्रिक महोत्सव पांच वर्षों में एक बार हमें देश के भविष्य निर्माण की बागडोर सही हाथों में देने का अवसर उपलब्ध कराता है। इस रूप में हम सभी इस महान लोकतांत्रिक महोत्सव का हिस्सा हैं और हमें अपने मताधिकार के प्रयोग के द्वारा अपने देश की नीति व प्रगति को दिशा देते हैं। यह अलग बात है कि चुनावों के समय जिन घोषणापत्रों के आधार पर हम किसी राजनीतिक दल को मत देते हैं वे महज कागजों में ही सिमटी रह जाती हैं और चुनावी मुद्दे मुर्दे बनकर रह जाते हैं। इसके बावजूद भारतीय लोकतंत्र पर से हमारा विश्वास कम नहीं हुआ है और मत प्रतिशत में बढ़ोतरी इसके और मजबूत होने की की ओर ही इंगित करता है।
इसी क्रम में एक और महोत्सव सामने दिख रहा है जो जून 2019 में निर्धारित है। मैं बात कर रहा हूं सिविल सेवा परीक्षा की। देश की सर्वाधिक प्रतिष्ठित सेवाओं के चयन हेतु आयोजित इस परीक्षा में शामिल होकर सफल होने की चाह जिस प्रकार से देश के सर्वाधिक कुशाग्र युवाओं में होती है, उस दृष्टिकोण से यह महोत्सव से कम नहीं है। ‘भूगोल और आप’ पत्रिका में छपने वाले समसामयिक, प्रासंगिक व अति प्रमाणिक आलेखों के माध्यम से हम भी छात्रों की सफल यात्रा के भागीदार रहे हैं। इस अंक में भी किसान आत्महत्या, फसल बीमा, वनवासियों के अधिकार, बढ़ती असमानता जैसे हाल में चर्चित मुद्दों पर विश्लेषणात्मक आलेख प्रकाशित किए जा रहे हैं जो सभी वर्ग के पाठकों, विशेष रूप से सिविल सेवा परीक्षा (प्रारंभिक एवं मुख्य) के अभ्यर्थियों के लिए अति उपयोगी हैं। इसी अंक में आगामी प्रारंभिक परीक्षा के लिए सामान्य अध्ययन के लिए भूगोल विषय पर विशेषांक प्रकाशित किया जा रहा है। हालांकि महज कम पृष्ठों में भूगोल को समेटना सहज नहीं है फिर भी प्रासंगिक तथ्यों को सम्मिलित करने का प्रयास जरूर किया गया है। आगे के अंकों में भी इस पत्रिका में परीक्षा विशेषांक प्रस्तुत करने की योजना बनाई गई है। आशा है यह पत्रिका हमेशा की तरह आपके उज्जवल भविष्य के निर्माण की सफल यात्रा का मार्गदर्शक बनी रहेगी।